Saturday, January 21, 2012

ठण्ड में चुनाव

पहाड़ में आजकल काफी ठंडा हो रहा है,बहुत  ज्यादा पाला पढ़  रहा है,बर्फ कही कही तो गिर चुकी है,लेकिन अधिकतर जगह सिर्फ कोरी ठण्ड पढ़ रही है,शायद बर्फ गिर सकती है,मौसम बड़ा ही सुहाना है,
हाड  कपाती  ठण्ड ने पूरा जीवन अस्त वयस्त  कर दिया है
साथ ही राज्य में चुनाव भी होने वाले है
इस ठण्ड में तो चुनाव भी गर्मी नहीं ला पा रहें है,लोग अपने अपने घरौं में दुबके पड़े है,सभी लोग.घरौं के अन्दर बैठ कर मूंगफली ,गुद्पत्तियां,भट्ट,गुढ़,खाने में वस्त्य है,
भला हो चुनाव आयोग का जो चुनाव  जेसा लग ही नहीं रहा ,पहले से बहुत ही शांति है अब चुनाव में,प्रत्याशी फिर भी अपनी अपनी तरफ से लगे हुए है,केसे हम ही जीत जाईं सोचने में,सब कुछ करने को  तैयार ,लेकिन एक बात जो मुझे अच्छी नहीं लग रही वो ये की प्रचार के दौरान प्रत्याशी देशभक्ति गीतों का प्रयोग जम कर कर रहे है,ऐसा नहीं करना चाहिए  ,चुनावों का इन गीतों से क्या मतलब,


शेष फिर बताऊंगा

हेमन्त कुमार बिनवाल

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