पहाड़ के बारे में सब कुछ (हम न बदलेंगे वक्त कि रफ़्तार के साथ, हम जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना होगा !)
Wednesday, November 9, 2011
Tuesday, November 8, 2011
उम्मीद हैअबकी रेल जरूर पहुंचेगी
कर्णप्रयाग तक रेल का सर्वेक्षण अंग्रेजों के ज़माने से चला आ रहा है...
ठीक विधान सभा चुनाव से पहले रेल आती है.. वोट बटोर के वापस चली जाती है... पहाड़ में नेतावों के लिए यह अच्छा चुनावी मुद्दा रहा है... लेकिन अबकी बार स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी जी कर्णप्रयाग रेल परियोजना का शिलान्याश करने पहुँच रही हैं... पहाड़ में रेल लाने की इस रस्सा-कस्सी में गढ़वाल सांसद सतपाल जी महाराज का अहम् योगदान रहा है... उम्मीद हैअबकी रेल जरूर पहुंचेगी
Saturday, November 5, 2011
The full meaning of PAHARI
The full meaning of PAHARI
P-PASSIONATE
a-ATTRACTIVE
H-HARDWORKING
A-ALLROUNDER
R-RESPONSIBLE
I-INDIAN
कभी लगता है
भरोसा भी क्या चीज हैं । कभी लगता है यह सबसे कमजोर कड़ी है और कभी लगता हैं, दुनिय...ा कि बुनियाद इसी पर टिकी हुई हैं। जरा सी बात में भरोसा टूट जाता है तो कभी यही भरोसा दुनिया चलाता हैं। पिछले दिनों किसी मशहूर कवि की यह चन्द पक्तिंया हाथ आ गई, तो लगा कि इसे सबमें बाट दू। खास तौर पर यह पक्तिंया उन लोगो के लिये ज्यादा मौजू है, जो बात बात में कहते है कि मैं किसी पर भरोसा नहीं करता।
भरोसा ......
आज भी मौजू़द है दुनिया में
नमक की तरह ,
अब भी
पेड़ों के भरोसे पक्षी
सब कुछ छोड़ जाते हैं,
बसंत के भरोसे वृक्ष
बिलकुल रीत जाते हैं,
पतवारों के भरोसे नाव
समुद्र लांघ जाती हैं,
बरसात के भरोसे बीज
धरती में समा जाते हैं,
अन्जान पुरुष के पीछे
सदा के लिये स्त्री चल देती हैं।
Friday, November 4, 2011
उत्तराखंड में भ्रष्टाचारियों को होगी उम्रकैद
उत्तराखंड विधानसभा ने जिस लोकायुक्त बिल को मंजूरी दी है, उसके लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को न सिर्फ तय वक्त पर काम पूरा करना होगा, बल्कि अपनी और अपने पर निर्भर परिवार वालों की संपत्ति का सालाना ब्यौरा भी देना होगा।
तय समयसीमा के भीतर ऐसा नहीं करने पर उसे भ्रष्टाचार का मामला माना जाएगा। बिल के दायरे में न सिर्फ विधायक, मंत्री बल्कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री को भी शामिल किया गया है। भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर 10 साल और कुछ मामलों में तो उम्रकैद तक हो सकेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी की इस पहल को अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल से ज्यादा प्रभावी बताया जा रहा है।
टीम अन्ना ने भी इसकी तारीफ की है। उत्तराखंड संभवत: ऐसा पहला राज्य है, जहां इस ऐक्ट के लागू होने के बाद कर्मचारियों को हर साल जून में संपत्तियों का ब्यौरा देना होगा। उत्तराखंड के दिल्ली स्थित विशेष कार्याधिकारी डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि 30 जून तक ब्यौरा देने के बाद पब्लिक अथॉरिटी के हेड के लिए अनिवार्य होगा कि वह उस 30 अगस्त तक वेबसाइट पर डाल दे। बिल में उत्तराखंड के विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री को भी पब्लिक सर्वेंट माना गया है, इसलिए उन्हें भी हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। बिल की कुछ और विशेषताएं इस प्रकार हैं :
कैसे मिलेगी राहत
यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर सरकारी नियमों के तहत तय अवधि के भीतर किसी शख्स का काम नहीं होता, तो उसे भी भ्रष्टाचार का ही मामला माना जाएगा। मसलन, अगर ड्राइविंग लाइसेंस एक दिन में बनना चाहिए और ऐसा नहीं होता तो माना जाएगा कि करप्शन की नीयत से लाइसेंस नहीं बनाया गया। एफआईआर के मामले में भी यही लागू होगा।
अगर किसी भ्रष्टाचार के खिलाफ संबंधित अधिकारी को शिकायत की जाए और वह उसे ठंडे बस्ते में डाल दे तो उसे भी करप्शन माना जाएगा। अगर किसी को शिकायत की जाए और उसकी कॉपी किसी उच्च अधिकारी को भेजी जाए और वह भी इस पर कदम न उठाए तो इसे भी करप्शन माना जाएगा।
लोकायुक्त की पावर
उत्तराखंड हाई कोर्ट के जजों को छोड़कर सभी लोकायुक्त एक्ट के दायरे में आएंगे। करप्शन के मामले में अगर लोकायुक्त किसी भी विभाग को निर्देश देता है तो उसे उनका पालन करना होगा। अगर यह साबित होता है कि किसी अग्रीमेंट या लीज देने के मामले में करप्शन हुआ है , तो उस स्थिति में लोकायुक्त के पास उस लीज , लाइसेंस , परमिशन , ठेके या अग्रीमेंट को रद्द करने का अधिकार होगा। लोकपाल के निर्देश पर शुरू हुई जांच को तब तक बंद नहीं किया जा सकेगा , जब तक लोकायुक्त से उसकी अनुमति न ली जाए।
ऐसी शिकायत आती है , जिसमें शिकायतकर्ता का नाम ही न हो तो उस पर लोकायुक्त कार्यवाही नहीं कर सकेगा। यह जरूर है कि कोई शिकायतकर्ता लोकायुक्त से नाम गोपनीय रखने का अनुरोध करे। इस अनुरोध पर लोकायुक्त शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रख सकता है।
कैसे काम करेगा
लोकायुक्त सरकारी कर्मचारी के खिलाफ किसी भी शिकायत की जांच शुरू कर सकता है। लोकायुक्त खुद किसी मामले का संज्ञान लेकर उसकी जांच कर सकेगा। जरूरी नहीं वह किसी शिकायत पर ही जांच शुरू करे।
विडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध होगी
लोकायुक्त के समक्ष होने वाली सुनवाई लिखित में तो रिकॉर्ड होगी ही , उसकी विडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। अगर बाद में कोई इसकी रिकॉर्डिंग चाहता हो तो वह पेमेंट देकर उसकी प्रति ले सकेगा। अगर लोकायुक्त को किसी मामले में यह लगे कि विडियो रिकार्डिंग जनहित में नहीं है , तो वह उसे रोक भी सकता है।
मुख्यमंत्री , मंत्रियों और विधायक
इनके मामले में लोकायुक्त को जांच से पहले लोकायुक्त बेंच के चेयरपर्सन और सभी सदस्यों से अनुमति लेना जरूरी होगा। यानी पूरी बेंच एकमत होगी , तभी इनके खिलाफ जांच शुरू हो सकेगी
हमारा पहाड़: पहाड़ के लोग
हमारा पहाड़: पहाड़ के लोग: पहाड़ के लोग बड़े ही सीधे ,सरल.व महनती होते है,अपने काम SE काम RAKHNE वाले वाले होते है. दिन और रात हमेशा काम में लगे रहते है.भोला जिसे ...
Thursday, November 3, 2011
पहाड़ के लोग
पहाड़ के लोग बड़े ही सीधे ,सरल.व महनती होते है,अपने काम SE काम RAKHNE वाले वाले होते है. दिन और रात हमेशा काम में लगे रहते है.भोला जिसे कहते है वो ही है हमारे पहाड़ के लोग.
PAHAADOUN KA MAUSAM
आजकल हमारे पहाड़ का मौसम बड़ा ही सुहाना है.सुबह हाड कप देने वाली ठण्ड है तो दिन में कड़क धुप,फिर २,३ बजे सामान्य मौसम रहता है ,उसके बाद थोडा थोडा ठण्ड शुरू होने लगती है,रात होते होते तो मानो पारा इकाई के अंक में पहुँच जाता है,फिर रात भर ठंडा,और फिर वही रोज की कहानी,
Friday, February 4, 2011
AAJKALLLLL
AAJKAL MERE PAHAD ME MAUSAM BADA HI SUHANA HO RAHA HAI? GHUMNE KE SAUKEEN AAAAAAAAA SAKTE HAI//
Saturday, January 15, 2011
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