हमारा पहाड़ (हिन्दी ब्लॉग)
पहाड़ के बारे में सब कुछ (हम न बदलेंगे वक्त कि रफ़्तार के साथ, हम जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना होगा !)
Tuesday, September 10, 2024
Sunday, April 29, 2012
पहाड़ का पानी और जवानी दोनों ही यहाँ के काम नहीं आ रहे हैं, आखिर अभी से इन पहाडो में पानी की घोर कमी क्यों होने लग गयी है,पूरे भारत को सीचने वाली यहाँ की नदियाँ यही के लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है, आखिर क्यों,अगर देखा जाये तो हम लोग भी कम दोषी नहीं हैं इन सबके लिए
हमारे पास कोई ठोस नीतिया है ही नहीं आखिर पूरे के पूरे पहाड़ों में पानी की समस्या अभी से विकराल रूप लेने लग गयी है,कुछ इसी प्रकार की समस्या यहाँ की जवानी के साथ भी दिखाई पड़ती है, पहाड़ो से पलायन करते नौजवान आने वाले किसी गंभीर संकट को बया करते हैं .कई मूलभूत आवस्यक्ताओं से महरूम है आज भी हमारे पहाड़ के लोग,जरुरत है पहाड़ के नौजवानूं की पीड़ा को समझने की तभी पहाड़ सही मायनों में पहाड़ कहलायेगा..........
हेमन्त कुमार बिनवाल
लोहाघाट
हमारे पास कोई ठोस नीतिया है ही नहीं आखिर पूरे के पूरे पहाड़ों में पानी की समस्या अभी से विकराल रूप लेने लग गयी है,कुछ इसी प्रकार की समस्या यहाँ की जवानी के साथ भी दिखाई पड़ती है, पहाड़ो से पलायन करते नौजवान आने वाले किसी गंभीर संकट को बया करते हैं .कई मूलभूत आवस्यक्ताओं से महरूम है आज भी हमारे पहाड़ के लोग,जरुरत है पहाड़ के नौजवानूं की पीड़ा को समझने की तभी पहाड़ सही मायनों में पहाड़ कहलायेगा..........
हेमन्त कुमार बिनवाल
लोहाघाट
Friday, April 27, 2012
वर्तमान में उत्तराखंड एक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. राज्य की राजनीतिक अस्थिरता से समूचे राज्य में एक उबाल सा है . ऐसे में जब हमारे नीति नियंता सोये हुए हैं .वर्तमान में राज्य में शिक्षा वयवस्था लड़खड़ाई हुई है,जहां एक ओर राज्य में अनेकों विद्यालयों में ज्यादा अध्यापक हैं, वही दूसरी ओर कई विद्यालयों में अध्यापक ही नहीं है,जो मन में आये पहले वो घोस कर दी जाती है बाद में चुनाऊ जीतने के बाद सब भुला दिया जाता है आखिर क्यों. वर्तमान में उत्तराखंड के हालत क्या सही है जरा सोचिये महानुभाव ,थोडा राजनीती से ऊपर उठकर देखिये तो आखिर केसे हालातो में आप जीत कर आये है आप लोग इस समाज को ही भुलाने में ही लगे है याद करिए अपने कर्ताव्यौं को और तबी आप समाज की सची सेवा कर पाएंगे.
Sunday, February 12, 2012
सुख दुःख जीवन की दो घड़ियाँ है,कभी वो हंस दिया कभी हम रो लिए.
सुख दुःख जीवन की दो घड़ियाँ है,कभी वो हंस दिया कभी हम रो लिए.
Friday, February 10, 2012
Thursday, February 2, 2012
WAAH री सरकार
WAAH री सरकार उत्तराखंड में चुनाव तो निपटा लिए,चुनावों के निपटते ही दिखा दी अपनी ..............ABHI तो सरकार भी नहीं बन PAAYI ,CHUNAAWO के NATEEJE भी नहीं AA पाए.
ROADWAYS ने अपनी बसों में किराया बहुत ज्यादा ही बड़ा दिया,सरकारी आकड़ो में तो ४० % ही बढने की बात है परन्तु कही कही इससे भी ज्यादा किराया बड़ा दिया गया ,वह री सरकार,किराया बाद जाने से आम इंसान काफी परेशान है,महगाई की मार ,जेब पर भारी पड़ रही है, KHIR AAGE DEKHNA YAH HOGA की आने WAALE समय में KIN KIN AUR CHEEJO के DAAM BADAYE JAA SAKTE है ,थोड़े दिनों बाद RASHION की DUKANOO में लगने वाली लाइन भी KAM हो JAYEGI,डीजल , पेट्रोल के DAAM भी पता नहीं कितने % तक बड़ते है , YAH तो आने वाला समय ही बता पायेगा आखिर चुनावू के बाद KYU हमारे देश में हर RAJYA की YAHI DASHA HOTI है ,आम जनता को ही KYU NISHANA BANAYA JAATA है ............PHIR SOCHNA आम जनता को ही ही,क्योकि जेब तो उसी की ढीली होही,उन मंनीयौं का क्या ही वो तो पहले ही करोर्पति THE AB ५ सालबाद अरबपति बन जायेंगे .GAREEB तो AUR GAREEB बन जायेगा
Wednesday, February 1, 2012
किस काम का ...........................................................
बड़े फक्र के साथ कहा जाता है की भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है,बड़ा है तो सबको रोजी.रोटी मिलनी चाहिए थी , मगर ऐसा नहीं हो सका है,तो लोकतंत्र का महिमा मंडन , गुणगान जनता के साथ फरेब है ऐसा लोकतंत्र हमारे किस काम का ...........................................................
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